- बड़ी ही खूबसूरत शाम थी, वो तेरे साथ की …..अब तक “खुशबू” नही गई, मेरी कलाई से …. तेरे हाथ की..
- जितनी हसीन ये मुलाकातें है
उससे भी प्यारी तेरी बातें है
- मैं दिनभर ना जाने कितनों चेहरों से रूबरू होता हूँ पर पता नहीं रात को ख्याल सिर्फ तुम्हारा ही क्यों आता है
- ज़रूरी तो नहीं कि हर पल तेरे पास रहूँ मोहब्बत
और इबादत
दूर
से भी की जाती है
- आँख खुलते ही याद आ जाता है तुम्हारा चेहरा , दिन की ये पहली ख़ुशी भी कमाल की होती है
- इन्तजार की घडिया खत्म कर ऐ खुदा जिसके लिए
बनाया है अब उससे मिलवा भी दे जरा…
- अगर एहसास है तो , कर लो मोहब्बत को महसूस… ये वो जज़्बा है जो लफ्ज़ो में , समझाया नही जाता…
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