Valentines Day Spacial
उनको उलझा के कुछ देर सवालो मे, हमने जी भर के देख लिया उनको…
हर गुनाह कबूल है हमे, बस सजा देने वाला ‘बेगुनाह’ हो..।
बड़ी खुश है
आज मेरे बिना भी वो ..!
जो दूर जाने के ज़िकर पे होंठो पे हाथ रख देती थी ..!
तेरे वजूद में मै काश यूं उतर जाऊ…
तू देखे आइना और मै,
तुझे नज़र आऊ..!!
“लोग हर बार यही पूछते है तुमने उसमे देखा क्या .. ?
मैं हर बार यही कहता हूँ बेवजह होती है मोहोब्बत”
याद आने की वजह बहुत अजीब है तुम्हारी,
तुम वो ग़ैर थे जिसे एक पल में अपना माना…!!
तुम आँखो की पलकों सी हो गई हो ,
के मिले बिना सुकून ही नही आता